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मुनिश्री प्रयोग सागर एवं सुब्रत सागर जी का पिच्छी परिवर्तन समारोह 4 को.. मन में हर जीव के प्रति दया करूणां का भाव ही धर्म है- विरंजन सागर जी.. डॉ. राय दंपति ने मरीजों को कंबल बांटे.. शीला पटेल ने पुरस्कार राशि से कराया स्कूल में सौंदर्यकरण

 मुनिश्री प्रयोग सागर एवं सुब्रत सागर जी का पिच्छी परिवर्तन समारोह 4 जनवरी को

दमोह। नगर केसरी पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर जी में वर्षा योग सानन्द संपन्न होने के बाद मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज एवं मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज का पिच्छी परिवर्तन समारोह चार जनवरी शनिवार को दोपहर एक बजे से जैन धर्मशाला में आयोजित किया गया है।
परमपूज्य समाधिष्ट आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज एवं अभिनव आचार्य श्री समयसागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती द्वय शिष्य मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 सुव्रत सागर जी महाराज के दमोह चातुर्मास उपरान्त पिच्छीका परिवर्तन महोत्सव को लेकर जैन धर्मशाला में व्यापक तैयारियां की गई है। नन्हे मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नवीन निराला एवं महामंत्री राजकुमार जैन रानू ने सकल जैन समाज से 4 जनवरी 2025 दिन शनिवार को होने जा रहे पिच्छी परिवर्तन समारोह में दोपहर 1:00 बजे श्री दिगम्बर जैन धर्मशाला नन्हे मंदिर, दमोह पहुंच कर धर्म लाभ उठाने की अपील की है।
 मन में हर जीव के प्रति दया करूणां का भाव ही धर्म है- विरंजन सागर जी.. दमोह। तेंदूखेड़ा नगर में धूमधाम से गणाचार्य श्री विराग सागर जी महामुनिराज के षिष्य उपाध्याय श्री विरंजन सागर जी एवं ससंघ सानिध्य में संगीतमय समवषरण विधान चल रहा है। सुबह से पूजन, अभिषेक शांतिधारा ब्रम्हचारी अंकित भैया जी के द्वारा मंत्रोचारण के साथ किए गए। साथ ही समवषरण विधान में मानसस्तंभ  के अर्घ चढाए गए।
इस दौरान संगीतमय विधान में श्रावको के द्वारा पंडाल मे नृत्य कर अपने भाव प्रगट किए। दोपहर में 1008 नाममंत्र आराधना की गई। संध्या बेला में भगवान श्री जी की भव्य महाआरती की गई। इस अवसर पर मुनिराज ने अपने प्रवचनो में कहां कि भक्ति ही पाप का नाष करती है। भक्ति के वष में भगवान होते है। शवरी ने भक्ति के वषीभूत होकर पुकारा तो भगवान राम चले आए। चंदन ने पुकारा तो भगवान महावीर चले आए और आपने बुलाया तो संत संघ आया। भक्ति मंन से की तो तभी स्वीकार की जाती है।
विनाभाव के भक्ति महत्वषाली नहीं, भक्ति में थोड़ा पागलपन थोड़ा भोलापन होना जरूरी है। जब दुनिया पागल कहने लगे तो समझो अब भक्ति में लीन हो गए। 
विधान के समय मुनिश्री से सतेन्द्र सिंह ने प्रष्न किया कि धर्म क्या है और कैसे होता है। तब मुनि श्री ने कहां कि धर्म कोई पूजन करना नहीं है। पूजन एक क्रिया है जो निर्धारित समय में की जाती है। लेकिन धर्म की कोई समय सीमा नहीं है। धर्म का कोई टाईम टेविल नहीं है। धर्म करने की कोई उम्र नहीं है। धर्म किसी भी समय किया जा सकता है। धर्म 24 घंटे किया जा सकता है। जहां दया है वहां धर्म हो रहा है। 
 जहां दया के भाव आए है वही धर्म उत्पन्न होता है। धर्म किसी एक व्यक्ति से नहीं होता है। धर्म जीव मात्र से प्राणी मात्र से दया करना है। दया का भाव होना चाहिए एवं परिणामों में ंदया के भाव लाना चाहिए, जहां दया का भाव आ गया वही धर्म है। हर जीव के प्रति दया एवं करूणां का भाव है वही धर्म है। जब हर व्यक्ति के मन में दया एवं करूणा का भाव उत्पन्न हो जाएगा तो गांव, प्रदेष और देष स्वर्ग जैसा बन जाएगा। संध्या बेला मे नृत्य नाटिका की गई इंद्र सभा लगाई गई। विधान के समय राज्य मंत्री धमेन्द्र सिंह के भाई सतेन्द्र सिंह ने श्रीफल भेंट कर मुनिश्री का आर्षीवाद लिया। साथ ही मुनि श्री के पादप्राक्षन किया।
डॉ. राय दंपति ने नववर्ष पर मरीजों को वितरित किए कंबल.. दमोह। जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ. राकेश राय एवं नेत्र सर्जन डॉ. सुधा राय द्वारा नव वर्ष के प्रथम दिवस जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के 13 मरीजों के ऑपरेशन के बाद डिस्चार्ज के दिन उन्हें कंबलों का वितरण किया गया।
डॉ. राय दंपति ने बताया कि प्रतिवर्ष मरीजों को आवश्यक वस्तु प्रदान कर नववर्ष मनाते हैं एवं मरीजों की निशुल्क सेवा से उन्हें बहुत खुशी मिलती है। इस अवसर पर जिला अस्पताल स्टाफ के डॉक्टर्स एवं कर्मचारियों की मौजूदगी रही।
शीला पटेल ने राज्यपाल पुरस्कार से प्राप्त राशि के कुछ अंश से कराई स्कूल में वॉल पेंटिंग एवं सौंदर्यकरण.. दमोह। शासकीय प्राथमिक शाला देवरान टपरिया की शिक्षिका शीला पटेल को इस वर्ष राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है..

इन्होंने पुरस्कार से प्राप्त राशि का कुछ अंश अपनी शाला को आकर्षक, सुंदर व स्वच्छ बनाने में लगाया है। इनके कार्यों की प्रशंसा समस्त ग्राम वासियों द्वारा द्वारा की जा रही है।
 

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