भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा अल्प प्रवास पर आए.. दमोह। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा अल्प प्रवास पर दमोह पहुंचे, जिला मीडिया प्रभारी राघवेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का अल्प प्रवास पर दमोह आगमन हुआ, जहां भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष श्याम शिवहरे के मार्गदर्शन में सागर नाका टोल पर भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष का पुष्प हार पहनाकर, ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया।
प्रदेश अध्यक्ष के दमोह आगमन पर पूर्व जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी, दमोह सांसद राहुल सिंह, पूर्व विधायक प्रधुम्न लोधी, जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता पटेल एवं गौरव पटेल उपाध्यक्ष रमन खत्री, संजय सेन, अमित बजाज सुरेश पटेल, रिंकू गोस्वामी युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष प्रिंस जैन, भरत यादव,पवन तिवारी,ब्रज गर्ग,नगर मंडल अध्यक्ष राजेंद्र चौरसिया ब्रजेश लोधी, सुनील यादव लालू जैन मनीष तिवारी श्याम दुबे दीपक मिश्रा महेंद्र राठौर राकेश लोधी राजुल चौरहा सहित बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।
भारतीय तेलिक साहू राठौर महासभा का पाँचवा आदर्श विवाह सम्मेलन..ब्यावरा राजगढ़ में पशुपति नाथ की धरा में भारतीय तेलिक साहू राठौर महासभा के तत्वाधान में पाँचवा निःशुल्क सामूहिक आदर्श विवाह सम्मेलन सम्पन्न हुआ! कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केविनट मंत्री नारायण सिंह पवार, तेलघानी बोर्ड अध्यक्ष रविकरण साहू, राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र साहू, जनगणना प्रकोष्ठ राष्ट्रीय संयोजक सत्येंद्र साहू, राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष एस पी गुप्ता, भांडुप युवा अध्यक्ष आनंद गुप्ता, सतीश साहू, पवन साहू, दीपक साहू की उपस्थिति रही. बीस जोड़ो का विवाह सम्पन्न हुआ.
केबिनेट मंत्री नारायण पवार ने सम्बोधित करते हुए माँ कर्मा धाम के लिए पांच लाख रूपये देने की घोषणा की एवं वर वधू को शुभकामनायें दी.कार्यक्रम के आयोजक नरेंद्र साहू, अध्यक्ष मांगीलाल साहू, जिलाध्यक्ष रामबाबू साहू ने सभी अतिथियों एवं दानदाताओं का साफा पहनाकर एवं माँ कर्मा देवी की फोटो देकर सम्मान किया.अक्षय तृतीया पर धर्म, सेवा और त्याग का संदेश दिया.. दमोह। जैन समाज में अक्षय तृतीया को इक्षु तृतीया के रूप में अत्यंत श्रद्धा एवं आस्था के साथ मनाया जाता है। यह दिन केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि मानवता, दान और त्याग की भावना को समर्पित वह क्षण है, जब प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ (वृषभनाथ) को पहली बार गन्ने के रस से आहार मिला था। इतिहास की दृष्टि से, यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। भगवान आदिनाथ जब राज-पाट त्यागकर वन में तपस्या हेतु निकले, तब उन्होंने मौन रहकर आहार के लिए नगर भ्रमण किया। समाज को उस समय दान का मर्म ज्ञात नहीं था, फलस्वरूप उन्हें लगभग एक वर्ष तक निराहार रहना पड़ा।
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