पॉक्सो एक्ट बलात्संग में 20 साल की कैद..
विवेचना के दौरान घटना स्थल से रक्त रंजित कपडे एवं एक अंगुली का नाखून तथा पीड़िता के कपडे जप्त किए गए। उल्लेखनीय है कि मामले में जो डी.एन.ए. परीक्षण हेतु जो सामग्री भेजी गई थी उससे भी आरोपी द्वारा दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि हुई तथा पीड़िता द्वारा अपने न्यायालयीन कथनों में आरोपी को पहचानते हुए उसके द्वारा दुष्कर्म करने की पुष्टि की गई। थाना रनेह के थाना प्रभारी उप.नि. सुनील मेहर द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र अंतर्गत धारा 376 (क,ख), 363, 323 ताहि. 3 (ख)ध् 4 , 5(झ) (ड) ध्6 पॉक्सो एक्ट न्यायालय में प्रस्तुत करने पर विशेष द.प्र.क्र. 31ध्2019 विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट में प्रचलित हुआ। चूँकि पीड़िता ग्रामीण पृष्ठभूमि की अशिक्षित व अबोध बालिका थी जो डरी एवं सहमी हुई थी, जिसका न्यायालय में परीक्षण कराया जाना विशेष लोक अभियोजक व न्यायालय के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था परन्तु विशेष लोक अभियोजक डी.पी.ओ. बीएम शर्मा द्वारा अत्यंत संवेदनशीलता और अपने अनुभव से पीड़िता का न्यायालयीन परीक्षण सम्पन्न कराया। जिसमें न केवल पीड़िता ने आरोपी गिल्ली उर्फ राहुल अहिरवार की पहचान की बल्कि उसके साथ बलात्संग करने की भी पुष्टि की। डी.एन.ए. परीक्षण से भी आरोपी द्वारा अपराध करने की पुष्टि हुई।
दमोह। माननीय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम श्रीमती ऊषा तिवारी महोदया द्वारा प्रकरण में निर्णय पारित किया गया जिसमें पैरवीकर्ता श्री बी.एम.शर्मा द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों एवं तर्को से संतुष्ट होकर आरोपी को धारा 376 ।ठ भादवि. एवं धारा 5ध्6 पॉक्सो एक्ट एवं 363 ए के अपराध का दोषी पाकर धारा 376 व भादवि में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 363 ए में 3 वर्ष के कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया है।पैरवीकर्ता जिला अभियोजन अधिकारी बी.एम. शमा ने बताया कि 4व 5 जून 2019 की दरमियानी रात रनेह गांव में एक बालिका घर के बाहर चबूतरे पर अन्य परिजनों के साथ सो रही थी। तभी आरोपी गिल्लू उर्फ राहुल अहिरवार 20 वर्ष निवासी रनेह वहॉं से सोती हुई बालिका को ले घर से कुछ दूर ले जाकर उसके साथ ज्यादती की तथा वापिस चबूतरे पर छोड़कर भाग गया। वारदात के वक्त पीड़िता के माता-पिता गॉंव कहीं शादी में गए हुए थे। उन्होंने वापिस आकर बालिका को बेहोशी की हालत में लहुलुहान देखा तो उसे रनेह थाना ले जाकर जानकारी दी। तत्कालीन थाना-प्रभारी उप.नि. सुनील मेहर ने आहत पीड़िता की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए, सर्वप्रथम बच्ची का उपचार करवाए जाने का विवेकपूर्ण निर्णय लेते हुए पुलिस वाहन से महिला आरक्षक के साथ सामूदयिक स्वास्थ केन्द्र हटा पहँचाया जहॉं बच्ची के प्राथमिक उपचार उपरांत उसे जिला चिकित्सालय रिफर किया गया। जहॉं बच्ची के उपचार पश्चात होशो-हावास में आने पर मामले की रिपोर्ट की गई और अपराध को जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध की श्रेणी में चिन्हित किया गया।
विवेचना के दौरान घटना स्थल से रक्त रंजित कपडे एवं एक अंगुली का नाखून तथा पीड़िता के कपडे जप्त किए गए। उल्लेखनीय है कि मामले में जो डी.एन.ए. परीक्षण हेतु जो सामग्री भेजी गई थी उससे भी आरोपी द्वारा दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि हुई तथा पीड़िता द्वारा अपने न्यायालयीन कथनों में आरोपी को पहचानते हुए उसके द्वारा दुष्कर्म करने की पुष्टि की गई। थाना रनेह के थाना प्रभारी उप.नि. सुनील मेहर द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र अंतर्गत धारा 376 (क,ख), 363, 323 ताहि. 3 (ख)ध् 4 , 5(झ) (ड) ध्6 पॉक्सो एक्ट न्यायालय में प्रस्तुत करने पर विशेष द.प्र.क्र. 31ध्2019 विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट में प्रचलित हुआ। चूँकि पीड़िता ग्रामीण पृष्ठभूमि की अशिक्षित व अबोध बालिका थी जो डरी एवं सहमी हुई थी, जिसका न्यायालय में परीक्षण कराया जाना विशेष लोक अभियोजक व न्यायालय के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था परन्तु विशेष लोक अभियोजक डी.पी.ओ. बीएम शर्मा द्वारा अत्यंत संवेदनशीलता और अपने अनुभव से पीड़िता का न्यायालयीन परीक्षण सम्पन्न कराया। जिसमें न केवल पीड़िता ने आरोपी गिल्ली उर्फ राहुल अहिरवार की पहचान की बल्कि उसके साथ बलात्संग करने की भी पुष्टि की। डी.एन.ए. परीक्षण से भी आरोपी द्वारा अपराध करने की पुष्टि हुई।
माननीय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम श्रीमती ऊषा तिवारी महोदया द्वारा प्रकरण में निर्णय पारित किया गया जिसमें पैरवीकर्ता श्री बी.एम.शर्मा द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों एवं तर्को से संतुष्ट होकर आरोपी को धारा 376 भादवि. एवं धारा 5-6 पॉक्सो एक्ट एवं 363 ए के अपराध का दोषी पाकर धारा 376।ठ भादवि में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 363 ए में 3 वर्ष के कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया। सतीश कपश्या, मीडिया सैल प्रभारी, सहा. जिला अभियोजन अधिकारी


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