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नाबालिग का अपहरण कर दुराचार के आरोपी को.. विशेष न्यायाधीश ने तीन एक्ट के अपराध का दोषी मानकर.. आजीवन कारावास सुनाया.. इधर तेंदूखेड़ा न्यायालय ने अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर भेजा जेल

*न्यायालय ने तीन एक्ट के अपराध का दोषी माना*
दमोह। एक 15 वर्ष की नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और कई बार दुराचार करने के आरोपी को विशेष न्यायाधीश आर एस शर्मा ने तीन अधिनियम में वर्णित अपराध का दोषी मानते हुए अंतिम सांस तक जेल में रहने और जुर्माने से दंडित किया है। कोरोनावायरस संक्रमण के चलते हाईकोर्ट के आदेश से प्रकरण में अंतिम तर्क एवं दंड के प्रश्न पर पक्षकारों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुना गया। मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राजीव बद्री ठाकुर द्वारा की गई।
 अभियोजन अनुसार मामला इस प्रकार है, 15 वर्षीय नाबालिग पीड़िता कुछ दिनों से अपने मामा के यहां रह रही थी।दिनांक 3 अप्रैल 2018 को घर मे बिना बताये कहीं चली गई, काफी ढूंढने के प्रयास करने के बाद भी जब पीड़िता उसके मामा को नहीं मिली तो मामा द्वारा थाना नोहटा में पीड़िता के गुम हो जाने के संबंध में रिपोर्ट लिखाई गयी। लगभग 1 माह बाद पुलिस ने पीड़िता को जिला रायसेन से बरामद कर दमोह लाकर चिकित्सीय परीक्षण कराकर उसके कथन लेने के बाद माता-पिता को सौंप दिया। इसके तीन दिन बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। 
नाबालिग पीड़िता ने न्यायालय और पुलिस के समक्ष बताया कि आरोपी से उसकी पहचान तेजगढ़ बाजार में हुई थी और एक वर्ष तक वह उससे मोबाइल पर उससे बात करता रहा था। दिनांक 3 अप्रैल 2016 को जब वह अपने मामा के यहां थी, तब उससे शादी करने का कहकर आरोपी अपने साथ जबलपुर ले गया, वहां नर्मदा जी के मंदिर में शादी करने के बाद जिला रायसेन ले गया और जिला रायसेन के एक गाँव में किराए का मकान लेकर उसे अपनी पत्नी की तरह संबंध बनाते हुए रखे रहा। 
प्रकरण में साक्ष्य के दौरान घटना के समर्थन में शासकीय अभिभाषक राजीव बद्री सिंह ठाकुर द्वारा 10 साक्षियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया। न्यायालय द्वारा प्रकरण में प्रस्तुत साक्षी की साक्ष्य एवं अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी उमेश उर्फ रमेश चक्रवर्ती को एससीएसटी के धारा 3(2)5 में आजीवन कारावास साथ ही भादवि की धारा 366 में पांच वर्ष, पॉक्सो एक्ट की धारा 6 में दस वर्ष एवं ₹ 1250 के जुर्माने से दंडित किया है।आरोपी प्रकरण के विचारण के दौरान लगभग 2 साल से जेल में ही बंद रहा।
 अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर भेजा जेल
दमोह। तेंदूखेड़ा न्यायालय में  मारपीट गाली-गलौज के  मामले में पेश की गई जमानत याचिका को निरस्त करते हुए आरोपी को जेल भेजने के आदेश दिए गए हैं । प्रकरण के अनुसार फरियादी मुकेश सिंह लोधी 12 सितंबर को सुबह अपनी साइकिल से घूमने जा रहा था। बादीपुरा कॉलोनी के पास गांव का जगदीश फरियादी की साइकिल पर बैठ गया और धनगौर कछार तिगड्डा के पास अभियुक्त फरियादी से शराब पीने के लिए पैसे मांगने लगा। जिससे मना करने पर अभियुक्त फरियादी से लिपट गया और मां बहन की गंदी गंदी गालियां देकर कुल्हाड़ी का बैट बाएं हाथ में  मार दिया। अभियुक्त जाते-जाते जान से मारने की धमकी दे रहा था। 
फरियादी की सूचना के आधार पर देहाती नालसी लेख कर अभियुक्त के  विरुद्ध थाना तेंदूखेड़ा में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की जा कर  धारा 327, 294, 323, 506 ताहि के तहत  प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। अभियुक्त की ओर से तेंदूखेड़ा न्यायालय में जमानत हेतु आवेदन पत्र पेश किया गया  अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्कों के आधार पर अभियुक्त की जमानत निरस्त की गई। अभियोजन की ओर से  पैरवी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती श्रद्धा श्रीवास्तव द्वारा की गई ।

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