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कठिन परिस्थितियों में दुख दर्द में एवं मुसीबतों में परिवार के लोग ही साथ देते हैं.. इसलिए परिवार वालों से अच्छे व्यवहार बना कर रखना चाहिए.. वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज..

 आवेग में आकर कोई कार्य नहीं करना चाहिए- 

दमोह। कठिन परिस्थितियों में दुख दर्द में एवं मुसीबतों में परिवार के लोग ही साथ देते हैं। इसलिए परिवार वालों से अच्छे व्यवहार बना कर रखना चाहिए। परिवार एक मित्र की तरह होना चाहिए, परिवार वालों से रूखा व्यवहार नहीं करना चाहिए। आपसी वाद विवाद, लड़ाई, झगड़े, निंदा, आलोचना एवं शिकायत का कार्य परिवार वालों के बीच नहीं होना चाहिए गलत नजरिया परिवार को उजाड़ देता है। परिवार वालों से हमेशा लचीलापन रखना चाहिए। आवेग में आकर कोई कार्य नहीं करना चाहिए। आपसी समायोजन, समझौता, सहजता, सरलता जिस परिवार में होती है उस परिवार में सदा शांति बनी रहती है। जिस परिवार में आपसी सामंजस्य एवं मित्रवत व्यवहार है, वह परिवार एक मंदिर है..

 यह उपदेश वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने स्थानीय जैन धर्मशाला में दिया। उन्होंने कहा भोजन बनाने के पूर्व भगवान का स्मरण जरूर करना चाहिए। भोजन बन जाने पर दूसरों को भोजन करा कर नियम करने पर वही भोजन प्रसाद बन जाता है, यदि भोजन नहीं करा सकते तो दूध नाश्ता पानी की पूछ सकते हैं। यदि चाय, नाश्ता, दूध नहीं पिला सकते तो कम से कम पाने की तो जरूर पूछना चाहिए। तभी आप सच्चे इंसान कहलाएंगे आचार्य श्री ने कहा पशु-पक्षी भी भोजन मिलने पर अपने साथियों को आवाज देते हैं जैसे कौवा को जब भी भोजन मिलता है। तब वह आवाज देकर अपने साथियों को बुला लेता है। चिड़िया भी अपनी चोंच में दाना चुग कर लाती है और अपने बच्चों को खिलाती है पशु-पक्षी भी इतनी चिंता करते है। तो हम इंसान होकर अपने परिजनों की चिंता जरूर करें चिड़िया अपने बालों को बुलाकर खुश होती है और एक इंसान है, जो अपने बालों को देखकर चिढ़ते हैं। 

कोरोना महामारी से सारी दुनिया परेशान है यह महामारी शीघ्र दूर हो इस हेतु जैन धर्मशाला में शांतिनाथ महामंडल विधान किया जा रहा है। प्रतिदिन एक परिवार द्वारा यह विधान किया जाता है, रविवार को विधान कराने का सौभाग्य गुड्डू भैया, धर्मपत्नी श्रीमती लक्ष्मी जैन को प्राप्त हुआ। श्रीमती लक्ष्मी जैन का आज जन्म दिवस था। इसी उपलक्ष में उन्होंने सागर बहेरिया तिगड्डा पर नवनिर्मित श्री पदम प्रभु दिगंबर जैन तपोवन तीर्थ के प्रांगण में 11 वृक्ष लगाने की घोषणा की आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।


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