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समाधिस्थ आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज एवं निर्मल सागर जी महाराज का पुण्य स्मरण करके श्रद्धासुमन अर्पित किए.. ज्ञान सागर जी महाराज युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे- आचार्य श्री निर्भय सागर..

ज्ञान सागर जी महाराज युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे- आचार्य श्री  

दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज के ससंग सानिध्य में  समाधिस्थ आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज एवं समाधिस्थ आचार्य श्री निर्मल सागर जी महाराज की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम आचार्य ज्ञानसागर जी की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलन किया गया। एक मिनट का मौन रखकर णमोकार मंत्र का जाप किया गया। जैन समाज के प्रतिष्ठित श्रेष्ठ श्रावक बंधुओं ने दोनों आचार्यों के प्रतिअपने श्रद्धा सुमन समर्पित किए। इस अवसर पर आचार्य श्री एवं संघ के साधुओं ने भी दोनों आचार्यों के प्रति अपने विचार व्यक्त किए। 

 आचार्य श्री निर्भयसागर जी ने कहा आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे, शाकाहार के प्रवर्तक थे, महिला उत्थान के शुभचिंतक थे, शासन और प्रशासन में अनुशासन की शिक्षा देने में सक्षम थे, जैन धर्म को विश्व के मानस पटल पर ले जाना चाहते थे इसलिए अनेक प्रकार की आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक संगोष्ठी एवं शिविर किए एवं प्रशासनिक अधिकारियों को मार्गदर्शन दिया। जैसा उनका नाम ज्ञान सागर था वैसे ही ज्ञान के हिमालय थे। समाजसेवी श्री सुनील कुमार वेजिटेरियन ने कहा आचार्यज्ञान सागर जी का व्यक्तित्व विराट था। वह ज्ञान की मिसाल थे हृदय से विशाल थे। नन्हे मंदिर के अध्यक्ष गिरीश नायक ने कहा कि ज्ञान सागर जी वात्सल्य की धनी एवं प्रतिभाओं को उभारने वाले कुशल कारीगर थे। 

राजेंद्र अटल ने कहा कि आचार्य ज्ञानसागर जी दिगंबर मुनि होकर भी जन-जन के मीत थे, आलोकित ध्रुव तारा थे उनकी क्षतिपूर्ति करने वाला वर्तमान में साधु दिख नहीं रहे हैं। आकाश जैन ने कहा ज्ञान सागर जी सराक समाज के उद्धारक थे। मास्टर प्रमोद जी गांगरा ने कहा आचार्य श्री गिरे हुए लोगों को उठाना कर्तव्य समझते थे। अंधेरे में दीपक की तरह थे। संपूर्ण जैन समाज के अध्यक्ष सुधीर जैन, राकेश पालंदी अखिलेश जैन आदि अनेक लोगों ने अपने श्रद्धा सुमन समर्पित किए। श्री आकाश जैन ने मंगलाचरण किया। ब्रह्मचारिणी मानी दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया। मुनि श्री शिवदत्तसागर जी चंद्र दत्त सागर जी विभद्र सागर जी आदि सभी मुनिराज ने आचार्य निर्मल सागर जी एवं ज्ञान सागर जी के संबंध में अनेक प्रेरक प्रसंग एवं संस्मरण सुनाएं।

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