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प्रभु यीषु मसीह के जन्मदिन पर हुए विविध आयोजन.. सोषल डिस्टेन्स के साथ मनाया गया क्रिसमस पर्व.. यीषु मसीह के जन्म ने इतिहास की धारा बदल दी- डाॅ. अजय लाल

 सोषल डिस्टेन्स के साथ मनाया गया क्रिसमस पर्व.. 

दमोह। प्रभु यीषु मसीह का जन्मोत्सव 25 दिसम्बर क्रिसमस पर्व पूरी दुनिया के साथ देष में भी मनाया जा रहा है। वैष्विक महामारी कोरोना के चलते षासन के नियमों का पालन करते हुए किल्लाई नाका स्थित समाजगृह परिसर में क्रिसमस पर्व पर विषेश आराधना सभा का गरिमामय आयोजन सीमित संख्या के साथ मसीही समाज के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में कुर्सी की दूरी एक मीटर रखी गई थी। 

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं मसीही समाज की राश्ट्रीय संस्था ई.एफ.आई. एवं चर्च काउंसिल, दमोह के अध्यक्ष डाॅ. अजय लाल ने उपस्थित मसीही समाज को संबोधित करते हुए प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि ”आज की तारीख में पूरी दुनिया पूरा मानव समाज जिस तरह से कोरोना दौर के संक्रमण से गुज़र रहा है, इसी तरह का दौर प्रभु यीषु मसीह के जन्म के समय का रहा जब गौषाला में, चरनी में उद्धारकर्ता प्रभु यीषु मसीह का जन्म हुआ। षिषु के जन्म के लिए चरनी, गौषाला संक्रमण वाला स्थान होता है। उस समय राजा हेरोदेस का षासन था। यीषु मसीह के जन्म की भविश्यवाणी को लेकर डरे हुए हेरोदेस राजा ने यीषु मसीह को कत्ल करने के उद्देष्य से अपने ही बेटे के साथ हजारों 02 वर्श से कम उम्र के बच्चों का कत्ल करवा दिया था। बहुत ही कठिन और भयानक दौर रहा किन्तु परमेष्वर की योजना थी, विशमताओं एवं संक्रमण के बीच यीषु मसीह का जन्म हुआ। 

यीषु मसीह के जन्म ने इतिहास की धारा को बदल दिया। एक और भयानक दौर की बात करूं तो दूसरे विष्व युद्ध का समय था तब बहुत से चर्च पीड़ित मानवता की सेवा के लिए आगे आये और घायल लोगों का इलाज किया। इस तरह चर्च की उपचार व्यवस्था को लेकर हाॅस्पीटल का जन्म हुआ। यह मानवता को यीषु मसीह का उपहार रहा। 1664 ईस्वी में भारत में प्रथम मिषनरी ने देष में पहला हाॅस्पीटल खोला जो इतिहास में दर्ज है। बहुत से राजा आये और चले पर यीषु मसाीह का आगमन संसार के लिए विषिश्ट है। दुनिया की 1100 भाशाओं में यीषु मसीह की पुस्तकें प्रकाषित हो चुकी हैं। यीषु मसीह के महिमा के गीत लगातार गाये जा रहे हैं क्योंकि यीषु मसीह अनोखा है। प्रेम, षांति, दया, क्षमा और उद्धार का संदेष देने के लिए दुनिया में आये थे जिनका धरती और स्वर्ग में एक समान अधिकार है। 

 

 पुलपिट अध्यक्ष डाॅ. विवर्त लाल के द्वारा कार्यक्रम का गरिमामय संचालन किया गया साथ ही पूरे देष से कोरोना बीमारी के समाप्त होने और सभी के सुखद जीवन के लिए विषेश प्रार्थना की गई। मसीही युवाओं के द्वारा ”खुष हो कि यीषु आया है“ मसीही गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ प्राचीन सलिल राम की प्रार्थना के साथ हुआ। गाॅस्पल कैरियर्स टीम के द्वारा ”बैतलहम को चले“ गीत प्रस्तुत किया गया। चर्च काउंसिल के अध्यक्ष डाॅ. अजय लाल के द्वारा समाज से संबंधित सूचनाएं प्रदान करते हुए अपनी मां डाॅ. श्रीमती पुश्पा लाल एवं पत्नि डाॅ. श्रीमती इन्दु लाल के साथ पूरे परिवार की ओर से उपस्थित मसीही समाज के साथ जिले वासियों को क्रिसमस पर्व की षुभकामनाएं दी गईं। प्राचीन एफ. हेरीसन के द्वारा विषेश प्रार्थना की गई। 

 कार्यक्रम में समाज सेवी श्री संतोश भारती, लायन्स क्लब अध्यक्ष लालचंद राय, संजय सरवरिया, गणेष अग्रवाल, राकेष पलंदी की विषेश उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में परमेष्वर के आषीश वचन को डाॅ. अजय लाल के द्वारा व्यक्त किया गया। उल्लेखनीय है कि इस बार के क्रिसमस कार्यक्रम में कोरोना के चलते आपसी दूरी सेनेटाइज़र और मास्क का उपयोग करते हुए कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिले के मसीही समाज के लोग बहुत ही जागरूक और संवेदनषील होते हैं, यह नज़ारा दिखाई दिया।  रवि अग्निहोत्री की रिपोर्ट

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