कार्यालय, नवीन भूसा गोदाम, पशु आश्रय गृह का लोकार्पण
तेंदूखेड़ा, दमोह। आचार्य श्री विद्यासागर दयोदय पशु सेवा केंद्र (गौशाला) तेन्दूखेड़ा में अहमदाबाद से आए गुरूकृपा फाउंडेशन एवं सदस्यों के सानिध्य में गौ भक्त मिलन समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें निःस्वार्थ सामाजिक सेवा संगठन के द्वारा आयोजित जरूरतमंदों को कंवल एवं जीव दया संस्कारधाम मुम्बई द्वारा वस्त्र वितरित किए गए।
इस अवसर पर नव निर्मित कार्यालय एवं 10 एकड़ पर नवीन भूसा गोदाम एवं पशु आश्रय गृह का लोकार्पण करके गौ माता का पूजन कर गौवंश को गुड़ के लड्डू खिलाए गए। गुरूकृपा फाउंडेशन द्वारा तेंदूखेड़ा गौशाला कमेटी को प्रतीक चिंह देकर देकर सम्मानित किया गया। निःस्वार्थ सामाजिक सेवा संगठन प्रमुख सचिन मोदी व साथियों के द्वारा गौशाला कर्मचारियो एवं गरीबों को कम्बल वितरित किए गए।
कार्यक्रम में गुरूकृपा फाउंडेषन के अध्यक्ष गौरांग एस मेहता, नितिन पी मेहता, तुषार सोमानी, विशाल जोधानी, हर्षद भाई वोरा, रमेश भाई दोषी, मिहिर भाई सरेया, जीतेश जैन जेके स्टोन बासौदा के साथ पथरिया जनपद अध्यक्ष गौरव पटेल, जिला पंचायत सदस्य राघवेंद्रसिंह ऋषि भैया, निःस्वार्थ सामाजिक सेवा संगठन प्रमुख सचिन मोदी, अनुराग जैन, सुरेंद्र राजपूत, अमित तिवारी, युवा कांग्रेस नेत्री जया ठाकुर, अरविंद कुमार मोदी, संजय कुमार जैन, ऋषभ कुमार सिंघई, अमरचंद जैन, विजय कुमार जैन, विेवेक चैधरी, नितिन कुमार जैन, सतेंद्र कुमार जैन, राहुल जैन, रश्मि साहू प्रभा श्रीवास्तव, ममता सेन, सविता चैधरी, सुनीला जैन, कल्पना समैया, के साथ सेकड़ों गौभक्त मौजूद रहे।
गौमाता की सेवा न कर पाने से श्री राम को द्वापर में कृष्ण का अवतार लेना पड़ा..स्वामी रंजीतानंद सरस्वती’
समापन बेला में आनंद धाम के स्वामी श्री रंजीतानंद जी सरस्वती ने गौमाता की महत्वता को बताते हुए कहा कि हमने जिस देश में जन्म लिया है जिस देश की धरती पर देवता भी जन्म लेने को तरसते हैं। जहाँ गाय को माता का दर्जा दिया गया है। जिस दिन देश दुनिया से गौमाता नही रहेंगी उस दिन यह दुनिया समाप्त हो जाएगी।
क्योंकि गौमाता की पुण्य उपस्तिथी के चलते विश्व चलायमान ऐसा कोई धर्म नही है जन्म से मृत्यु तक पूजन में गौमूत्र और गोबर की आवश्यकता न हो राम चरित मानस में कही भी गौसेवा का उल्लेख नहीं आया। गौमाता की सेवा न कर पाने से भगवान श्री राम को द्वापर में कृष्ण का अवतार लेकर आना पड़ा और कृष्ण ने अवतार लेकर तुरंत से गौमाता की सेवा की जिससे उनका नाम गौपाल पड़ा। कार्यक्रम में गुरूकृपा फाउंडेषन के अध्यक्ष सहित जन प्रतिनिधियों सहित भारी संख्या में गोसेवकों की उपस्तिथी रही। तेंदूखेड़ा से विशाल रजक की रिपोर्ट





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