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विजयनगर में चल रहे विधान में आर्यिका ऋजुमति माताजी ने कहा.. प्रभु चरणों में ही उद्धार हो सकता है.. इधर ग्राम बासां तारखेड़ा में 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ के दूसरे दिन.. अर्घो द्वारा प्रभु आराधना..

  प्रभु चरणों में ही उद्धार हो सकता है--आर्यिका ऋजुमति माताजी 

मोह। प्रभु चरणों में ही उद्धार हो सकता है प्रभु चरणों में ही अपने मिथ्या धारणाओं का उपशमन कर मनुष्य मुक्ति का मार्ग पा सकता है मनुष्य भले बने बिना बड़ा नहीं बन सकता कष्टों को सहन करके ही भलापना आता है आज मनुष्य बड़ा तो बनना चाहता है किंतु भला नहीं बनना चाहता आज जीवन की मर्यादा  टूट रही हैं इसीलिए जीवन की व्यवस्थाएं गड़बड़ हो रही है आज व्यक्ति का खानपान रहन सहन सब बिगड़ गया है इसलिए स्वास्थ्य गड़बड़ हो रहा है जीवन शैली बिगड़ गई है।


उपरोक्त उदगार आर्यिका रत्न ऋजु मति माताजी ने विजयनगर में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान में अपने मंगल प्रवचनओं में अभिव्यक्त किए। इस अवसर पर कांग्रेस के प्रत्याशी अजय टंडन ने विजयनगर पहुंच कर विधान में आर्यिका श्री को श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद ग्रहण किया। आर्यिका श्री ने उनसे शाकाहार अपनाने का आव्हान किया जिसे उन्होंने सहज स्वीकार करते हुए सात्विक जीवन शैली अपनाने हेतु अपना अभिमत प्रकट किया आयोजन समिति की ओर से अध्यक्ष दिलीप बाहुबली एवं अतुल भाटिया एवं दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष सुधीर सिंघई ने उनका ज्ञान तिलक लगाकर स्वागत व सम्मान किया उनके साथ पार्षद राशू चैहान एवं सोनू नेता का भी स्वागत किया गया। इस अवसर पर डॉक्टर आईसी जैन, संतोष भारती, जयकुमार, सुनील वेजिटेरियन, तरुण सराफ, पंडित अखिलेश जैन, राकेश पलंदी, संजय सराफ, गुड्डू भैया आदि की उपस्थिति रहीं।



 पूज्य आर्यिका श्री ने अपने मंगल प्रवचनों में आगे कहा कि आज मनुष्य में विवेक का अभाव होता जा रहा है आधुनिकता की होड़ में वह अपने मौलिकता को भूलता जा रहा है पहले व्यक्ति भजन पूजन आदि क्रियाएं खड़े-खड़े नृत्य के साथ करते थे और भोजन बैठकर करते थे किंतु आज खड़े होकर भोजन करते हैं और प्रभु की भक्ति बैठकर करते हैं इसीलिए आजकल इतने बीमार हो रहे हैं नाचने गाने से मनुष्य की कसरत अपने आप होती थी और मनुष्य स्वस्थ रहता था।

ग्राम बासां तारखेड़ा में 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान 

दमोह। ग्राम बासां तारखेड़ा में श्री पाश्र्वनाथ दि. जैन धर्मशाला में श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन के दूसरे दिन अर्घो द्वारा प्रभु आराधना एवं शाम को श्रीजी की आरती हर्षोउल्लास के साथ संपन्न हुई। मुनिसुव्रत युवा संघ के मीडिया प्रभारी गौरव सिंघई ने बताया सांस्कृतिक कार्यक्रम में आचार्य उदार सागर जी महाराज की प्रेरणा आशीर्वाद से संचालित श्री मुनिसुव्रत युवा संघ एवं बालिका संघ द्वारा एक अदभुत नाटिका स्वार्थ का संसार का मंचन किया गया। इस अदभुत नाटिका मे मुनिसुव्रत युवा संघ के सदस्यों द्वारा विशेष प्रस्तुति दी गयी। इस नाटिका के माध्यम से मुनिसुव्रत युवा संघ ने आज की कड़वी सच्चाई एवं स्वार्थ भावना से रूबरू कराया स नाटिका के मंचन मे सेठ जी की आँखों पर बंधी झूठे प्यार एवं संसार मोह की पट्टी को हटाने का अभिनय नाटक के माध्यम से किया गया। 

आज की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सेठ जी का अभिमान एवं उनके पुत्र पुत्री पुत्रवधु की उनके प्रति बेरुखी का मंचन इस नाटक मे दिखाया गया। आज के युग की बदलती मानसिकता को इस अभिनय मे बखूबी चित्रित किया गया है। अभिनय देखने वाले सभी दर्शकों ने अपना आशीर्वाद देकर युवा संघ का उत्साहवर्धन किया। स्वार्थ का संसार आज की बदलती मानसिकता नाटिका मे मुख्य किरदार इंजी. सुकमाल जैन, मधु जैन, स्वतंत्र जैन, विनम्र जैन, आशी जैन, निशि जैन, अभिषेक जैन, जय जैन, जिनेंद्र जैन, पलक जैन, रोनक जैन, पीयूष जैन, शुभ जैन ने निभाया। मंच संचालन अरिहंत जैन ने किया स्टेज डेकोरेशन एवं मैनेजमेंट इंजी. शुभम जैन, अरिहंत जैन, इंदु जैन, विभूति जैन ने किया।

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