दमोह। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा एवं युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार के नेतृत्व में एवं जिला अध्यक्ष एड प्रीतम सिंह लोधी के मार्गदर्शन में युवा मोर्चा
द्वारा युवा दिवस के कार्यक्रमों का संचालन 12 जनवरी से 18 जनवरी तक
विवेकानंद सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा जिसमें जिलाध्यक्ष युवा मोर्चा भरत यादव द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के लिए कार्यक्रम
प्रभारियों की घोषणा की। युवा मोर्चा की बैठक का
आयोजन जिला भाजपा कार्यालय में किया गया जिसमें भाजपा जिला मीडिया प्रभारी
राघवेंद्र परिहार मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे युवा मोर्चा जिला
अध्यक्ष भरत यादव ने अतिथि परिहार का फूल माला पहनाकर स्वागत किया।
रक्त दान
शिविर 16 जनवरी को जिसके प्रभारी अभिषेक सोनी, कार्तिक शैलार, अर्पित
सराफ, पीयूष असाटी, निबंध लेखन प्रतियोगिता 17 एवं 18 जनवरी को जिसके
प्रभारी महेंद्र राठौर, विवेक मोदी, गौरव चौराहा, संभव सिंघई, राजुल
चौराहा, 15 से 18 वर्ष के युवाओं का टीकाकरण एवं अन्य सहायता हेतु 13 से 18
जनवरी तक कार्यक्रम जिस के प्रभारी आलोक मुखरैया, देवेंद्र ठाकुर, हर्ष
पटेल, मास्क वितरण सैनिटाइजर एवं रोग प्रतिरोधक सामग्री वितरण कार्यक्रम
जिसके प्रभारी आलोक मुखरैया, प्रीतम पटेल, ओजस्वी राय, युवा मोर्चा
हेल्पलाइन प्रभारी राकेश लोधी, सौरव दुबे, 15 से 16 जनवरी वर्चुअल मैराथन
योग स्पर्धा जिसके प्रभारी प्रिंस जैन, रीतेश अवस्थी, दीपेश उपाध्याय,
जनजातीय युवाओं से चर्चा एवं रिसर्च टीम के द्वारा कोविड-19 जागरूकता
कार्यक्रम प्रभारी अर्पित सराफ, कार्तिक शैलार, ओम विश्वकर्मा, नीरज राय
को बनाया।
गर्ल्स कालेज में 40 विद्यार्थियों का टीकाकरण
दमोह। शासकीय कमला नेहरू महिला महाविद्यालय में किशोर एवं किशोरियों हेतु कोविड 19 के लिये निशुल्क टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत आज 15 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक की आयु के लगभग 40 विद्यार्थियों का टीकाकरण कार्य किया गया।
प्राचार्य जीपी चौधरी के मार्गदर्शन में जिला स्वास्थ्य विभाग की वैक्सीनेशन टीम द्वारा संपन्न कराया गया जिसमें राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवको द्वारा सहयोग किया गया। इस अवसर पर उपस्थित महाविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियो द्वारा छात्राओं को टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया गया।
ज़िले के नवाचारी शिक्षकों ने अपने नवाचार साझा किए
दमोह। श्री
अरविंद सोसाइटी और समग्र शिक्षा द्वारा ई-प्रदर्शनी आयोजित की गई जिसमें
ज़िला दमोह के 25 शिक्षकों ने शून्य निवेश पर आधारित अपने नवाचारों को देश
भर के शिक्षकों के साथ साझा किया। देश व्यापी कार्यक्रम ‘शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार’ के अंतर्गत
शिक्षकों को प्रेरित करने, चयनित शिक्षकों के नवाचारों को व्यापक रूप से
विकसित करने और देश के अन्य विद्यालयों तक पहुंचाने के उद्देश्य से
ई-प्रदर्शनी की श्रृंखला की शुरुआत की गई है और इसी कड़ी में दमोह,
मप्र के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। ऑनलाइन सम्मेलन में मुख्य
अतिथि रहें प्रकाश कुमार रैकवार, जिला परियोजना समन्वयक, इस ‘ई-प्रदर्शनी’ में विशिष्ट अतिथियों के रूप में शामिल
हुए लखन लाल अहिरवार, सहायक परियोजना समन्वयक (अकादमिक), लक्ष्मी
प्रसाद पटेल, सहायक परियोजना समन्वयक (मोबिलाईजेशन), अशोक शर्मा, राष्ट्रीय
प्रशिक्षण प्रमुख, रूपांतर, अरविन्द सोसाइटी रहें।
कार्यक्रम में
शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए मुख्यअतिथि प्रकाश कुमार रैकवार ने
कहा, “शिक्षकों का अनुभव उनके ज्ञान और समझ पर आधारित है। जब शिक्षक सक्रिय
रूप से नवाचार करने के लिए प्रेरित होते हैं तो वे पूरी शिक्षा प्रणाली को
एक नया रूप दे सकते हैं और नवाचारों को एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत कर
सकते हैं। अरविन्द सोसाइटी शून्य निवेश पर आधारित नवाचारों के माध्यम
से शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक प्रभाव ला रही है और इस मंच के
आयोजन के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूँ। नवाचारी
शिक्षकगण नित-प्रतिदिन नवाचार करते हैं जिससे विद्यार्थियों को लाभ मिलता
है। अशोक शर्मा, राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रमुख ने कहा, “विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए टी.एल.एम. का विशेष
योगदान रहता है जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करता है। इस ई-प्रदर्शनी में ज़िले के 25 नवाचारी
शिक्षक अमित जैन, अरविंद लेकर, द्वारका करकरे, काशीराम ठाकुर, माधव पटेल,
मनोज नामदेव, डॉ. मोहन सिंह आदर्श, निरन सिंह ठाकुर, रामप्रसाद अहिरवार,
रामस्वरूप चौरसिया, संतोष अथिया, विजय बहादुर सिंह, विनोद वाजपेयी, विमल
पटेल, दलसिंह लोधी ने अपने नवाचार ऑनलाइन माध्यम से साझा किए। श्री अरविन्द
सोसाइटी के शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार कार्यक्रर्म के डिस्ट्रिक्ट को
ऑर्डिनेटर मोहनीश पटेल ने इस ई-प्रदर्शनी का संचालन किया।
जिनवाणी की प्रभावना में दिगंबर आचार्यों का मूल योगदान रहा है- मुनि श्री
दमोह। तीर्थ और तीर्थंकर श्रमण संस्कृति के आधार स्तंभ है भारतीय संस्कृति प्राचीन काल से श्रमण संस्कृति और वैदिक संस्कृति के रूप में दो अलग-अलग धाराएं में चली आ रही हैं श्रमण संस्कृति में व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व की उपासना की जाती है श्रमण संस्कृति में वैराग और अध्यात्म को अत्याधिक महत्व दिया गया। उपरोक्त उदगार एलक श्री सिद्धांत सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचन ओं में दिगंबर जैन धर्मशाला में व्यक्त किए। इस मौके पर महिला मंडल के द्वारा आचार्य श्री की भक्ति भाव पूर्वक मंगल पूजन की गई दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष सुधीर सिंघई कुंडलपुर कमेटी के मंत्री श्रेयांश लहरी, प्रचार मंत्री सुनील वेजीटेरियन, धार्मिक मंत्री शैलेंद्र मयूर, नन्हे मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ग्रीस अहिंसा, चक्रेश सराफ, राजेश हिनौती, पत्रकार नरेंद्र बजाज, विद्वान प्रदीप शास्त्री, श्रेयांश सराफ, मनीष आउटलुक, गुड्डू भैया, लोकेश रिंकू भाई आदि की उपस्थिति रहीं।
दमोह। तीर्थ और तीर्थंकर श्रमण संस्कृति के आधार स्तंभ है भारतीय संस्कृति प्राचीन काल से श्रमण संस्कृति और वैदिक संस्कृति के रूप में दो अलग-अलग धाराएं में चली आ रही हैं श्रमण संस्कृति में व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व की उपासना की जाती है श्रमण संस्कृति में वैराग और अध्यात्म को अत्याधिक महत्व दिया गया। उपरोक्त उदगार एलक श्री सिद्धांत सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचन ओं में दिगंबर जैन धर्मशाला में व्यक्त किए। इस मौके पर महिला मंडल के द्वारा आचार्य श्री की भक्ति भाव पूर्वक मंगल पूजन की गई दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष सुधीर सिंघई कुंडलपुर कमेटी के मंत्री श्रेयांश लहरी, प्रचार मंत्री सुनील वेजीटेरियन, धार्मिक मंत्री शैलेंद्र मयूर, नन्हे मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ग्रीस अहिंसा, चक्रेश सराफ, राजेश हिनौती, पत्रकार नरेंद्र बजाज, विद्वान प्रदीप शास्त्री, श्रेयांश सराफ, मनीष आउटलुक, गुड्डू भैया, लोकेश रिंकू भाई आदि की उपस्थिति रहीं।
इस अवसर पर एलक श्री
निश्चय सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि जिनवाणी की
प्रभावना में दिगंबर आचार्यों का मूल योगदान रहा है ग्रंथ और निरग्रंथ के
माध्यम से ज्ञान की यह परंपरा चली आ रही है जो जिनवाणी का पान करते हैं
उनका कल्याण निश्चित होता है आज का धर्मात्मा कल का महात्मा और एक दिन वह
सिद्ध परमात्मा बन जाता विचारों से क्रांति आती है और विचार ही हमें आचार्य
बनाते हैं आचार्य विद्यासागर जी महाराज के गुरु आचार्य ज्ञानसागर जी
महाराज ने कहा था कि संघ को गुरुकुल बनाना और जिन शासन को महिमामंडित करना
वही कार्य आज आचार्य विद्यासागर जी पूर्ण कर रहे हैं
इसके पश्चात अंत में
मुनि श्री समता सागर जी महाराज ने सबके सार को समाहित करते हुए अपने मंगल
उद्बोधन में कहा कि व्यक्ति के बोलने से पहले उसका व्यक्तित्व बोलता है और
प्रतिकूल परिस्थितियों में व्यक्तित्व निखर जाता है विपरीत परिस्थितियों
में भी धर्म की आराधना करना उत्कृष्टता को प्रदान करता है आज हमें आचार्य
श्री विद्यासागर जी महाराज की छत्रछाया सभी को प्राप्त हो रही है यह हम
सबका परम सौभाग्य है दमोह वाले और अधिक सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें कुंडलपुर
के द्वार दमोह में रहने के कारण बड़े बाबा के द्वारपाल के रूप में सेवाएं
देने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। इसके पश्चात दोपहर में मुनि संघ का
मंगल बिहार कुंडलपुर की ओर हो गया रात्रि विश्राम हिंडोरिया के विद्या संत
भवन में होगा एवं आहार चर्या भी संपन्न होगी।
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