गर्भ कल्याणक शुरू हुआ पंच कल्याणक महोत्सव
दमोह। विश्व प्रसिद्ध जैन सिद्ध क्षेत्र कुण्डलपुर में बड़े बाबा मन्दिर निर्माण अवसर पर आयोजित किये जा रहे कुण्डलपुर महामहोत्सव में पंच कल्याणक के पहले ही दिन बड़े बाबा के साथ छोटे बाबा के भक्तों का सैलाब उमड़ने से आयोजन स्थल अयोध्या नगरी का विशाल पंडाल छोटा पड़ता नजर आया। इस दौरान गर्भ कल्याणक पूर्व रूप महामंडल विधान की क्रियाओं के माध्यम से संपन्न किया गया। सौधर्म इंद्रो की सभा लगाई गई, अयोध्या नगरी की रचना की गई। माता पिता की स्थापना, अष्टदेवीओ से माता पिता की परिचर्या और सोलह स्वप्न के दर्शन का प्रर्दशन किया। संपूर्ण विधि विधान प्रतिष्ठाचार्य ब्रा विनय भैया के निर्देशन में संपन्न किया जा गया।
पात्र शुद्धि, अभिषेक पूजन, शांतिधारा, नित्य महा पूजन, गर्भ कल्याणक पूजन, शांति ध्वज, आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज का विशेष पूजन भक्ति संगीत के साथ किया गया। आचार्य श्री कहा कि भक्त लोग भक्ति करने के पूर्व भगवान के चरणों की धूल को केसर, चंदन के समान ललाट पर लगा लेते हैं। जब चंदन को घिसते है तो वह दुनिया को सुगंधित करता है, उसे जितना जितना घिसा जाए वह चारों ओर महक फैल जाती है, कुछ ऐसे ही तपस्या करके कर्मो को जलाते जाते है। ऐसा मत मानो हजारों लाखों व्यक्ति जहां एकत्रित हो तो जनता के लिए क्या किया जा सकता है।
आचार्य श्री ने कहा कि समोशरण मे एक विभूति बैठी है असंख्यात देवी देवता, त्रियंच जीव बैठकर इधर उधर न देखकर उस विभूति को देखने में लगे हैं अन्य ओर उनकी दृष्टि नहीं जाती। समोशरण घेरे में रहता है सामने वाला व्यक्ति तो देख लेता है इसीलिए कई लोग अपनी जगह की बुकिंग कर लेते हैं, समोशरण में विराजमान भगवान की लीला अपरम्पार होती हैं चारों दिशाओं में उनका मुख दिखाई देता है, हर व्यक्ति को ऐसा लगता है कि भगवान तो हमारी ओर देख रहे हैं, उस दृश्य को सोचकर ही प्रसन्न हो जाते है, यह सब भावों का खेल है, अनंत काल से संस्कार बिगड़ जाने से हमारे भाव बिगड़ रहे हैं।
आज महामहोत्सव के प्रथम दिन गर्भ कल्याणक का पूर्व दिन है, गर्भ में जीव आता है उसका कल्याण हो रहा है उनका वहा गर्भ में आना भी सार्थक है। सभी बड़े बाबा के निमित्त से यहां एकत्रित हुए हैं, आज से आनंद का अनुभव प्रारंभ हो चुका है, प्रारंभ के पूर्व प्रतीक्षा थी उसमें भी आनंद मिलता था और अब आनंद बारश रहा है। एक बार प्रभु मेरी दृष्टि में आ जाए, और भगवान की दृष्टि को अपने जीवन में भर ले। आस्था को मज़बूत बनाओ, मन में कोई विकल्प नहीं रखो, तीर्थंकर भगवान की दृष्टि से पशु पक्षियों का उद्धार हो सकता है तो फिर मनुष्य को क्यों नहीं? बस दूसरे पर अधिकार दिखाना बंद कर दें, सौधर्म इंद्र बनो पर चौधरी नहीं। भगवान असंख्यात वैभव मिलने के बाद भी किसी पर अधिकार नहीं जमाते।
इस अवसर पर आचार्य श्री के आज्ञानुवर्ती शिष्य और मुनि श्री अभय सागर जी महाराज ने अपने दीक्षा दिवस अवसर पर बताया कि 15 वर्ष ऐलक पद पर रहने के बाद आज के ही दिन 1998 आचार्य श्री ने मुनि दीक्षा प्रदान की, गुरुदेव ने कहा था कि तुम चिंता मत करो तुम्हारी चिंता हमे है। सिद्ध क्षेत्र मुक्तागिरी में सन 1998 में 9 मुनि दीक्षा दी गई जिसमें मुझे जैनेश्वरी दीक्षा प्राप्त हुई। आज आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को नवधा भक्ति भाव से आहार देने का सौभाग्य वीरेश सेठ,राजेश सेठ, कमलेश सेठ को प्राप्त हुआ।
यातायत व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित.
कुंडलपुर महा महोत्सव में मुख्य कार्यक्रमों की शुरुआत हुई विगत दिनों कुण्डलपुर महा महोत्सव के मध्य प्रदेश शासन के मंत्री एवं महामहोत्सव के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा द्वारा दिए गए बयानों का आज व्यापक असर देखा जाएगा। कोई भी वाहन मुख्य द्वार से भीतर प्रवेश नहीं करेगा चाहे वह कितना भी वीआईपी हो, कुंडलपुर मुख्य द्वार से प्रत्येक व्यक्ति को परिसर तक पैदल ही जाना पड़ेगा।
इस हेतु यातायात समिति ने अपनी व्यवस्था और भी चौकस कर दी हैं। बड़े बाबा मंदिर आने जाने हेतु यात्री बसों का इंतजाम किया गया है, मुख्य पंडाल के आस पास कोई भी वाहन खड़ा न हो इस महामहोत्सव की स्वयं सेवक समीति के अंतर्गत करीब 1200 स्वयं सेवक पूरे महोत्सव में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, स्वयं सेवक समिति के प्रभारी गिरीश नायक ने बताया कि सांगली से 400 स्वयं सेवक सेवाएं देने कुंडलपुर में मौजूद हैं इसके अलावा करीब 1200 स्वयंसेवक दमोह जिले के इस महोत्सव में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। समीति के अमरदीप जैन लालू, चक्रेश जैन, जीतू जैन, विवेक राम जैन, सहित सैंकड़ों स्वयंसेवक यहाँ रहकर दिन-रात मेहनत कर रहे है। महेन्द्र जैन सोमखेड़ा की रिपोर्ट
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