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विद्यार्थी परिषद ने MLB कन्या विद्यालय में किया वृक्षारोपण.. पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर जबेरा कॉलेज के छात्र छात्राओं ने किया प्रदर्शन.. खाद्य सुरक्षा प्रशासन की सिंधी कैम्प में कार्यवाही से हड़कंप.. स्मूथ मिल्क कैरेमल कैंडी के नमूनें जांच के लिए भोपाल भेजें..

 MLB  कन्या विद्यालय में संगोष्ठी कर किया वृक्षारोपण

दमोह। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आयाम विकासार्थ विद्यार्थी स्टूडेंट् फ़ॉर डेवलपमेंट द्वारा वृक्षमित्र अभियान स्थानीय शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में संगोष्ठी कर वृक्षारोपण किया गया। कार्यक्रम शुभारंभ ज्ञान की देवी माँ सरस्वती जी व स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती मालती असाटी विद्यार्थी परिषद के पूर्व जिला सयोंजक आलोक मुखरेया व पारस जैन सर एवं जिला सह संयोजक राहुल कुमार की अतिथि के रूप में उपस्थिति रही।  संचालन नीलेश राठौर द्वारा किया गया।

 नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती मालती असाटी ने छात्राओं को बताया कि समाज के प्रति अपने दायित्व एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए इस साल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा देश भर में एक करोड़ वृक्षारोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसको लेकर देश भर के परिसरों में विद्यार्थियों को इस अभियान से जोड़ने के लिए वृक्ष मित्र अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें सभी विद्यायार्थी हिस्सा लेकर वृक्षारोपण करें। उन्होंने कहा एक परिवार एक पौधा अभियान से आगे बढ़कर एक व्यक्ति एक पौधा के अभियान को साकार रूप देना है। 

अतिथि विद्यार्थी परिषद के पूर्व जिला सयोंजक आलोक मुखरेया ने छात्राओं को संगठन के बारे में विस्तार से बताया और कहा की विद्यार्थी परिषद ज्ञान शील एकता के मंत्र को लेकर निरन्तर आगे बढ़ रहा हैं। ओर छात्राओं से कहा कि विद्यालय से आगे बढ़कर कॉलेज में कोई भी समस्या आये तो केवल एक समाधान होगा विद्यार्थी परिषद। जिला सह सयोंजक राहुल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए विद्यार्थी परिषद वृक्षमित्र अभियान चला रही हैं। हमारा लक्ष्य हैं। इस अभियान को विद्यालय व महाविद्यालय के विद्यार्थियों तक पहुचाया जाएगा। कार्यक्रम का आभार रोहित राय द्वारा किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से विद्यालय सर व अमित ठाकुर,युवराज सहित कार्यकर्ताओं एवं बड़ी संख्या में छात्राओं की मौजूदगी रही।

स्मूथ मिल्क कैरेमल कैंडी के नमूनें जांच के लिए भेजें

दमोह। कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य  एवं डीओ खाद्य सुरक्षा प्रशासन डॉ संगीता त्रिवेदी के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी राकेश अहिरवाल ने शहर में निरीक्षण कार्यवाही करते हुए स्मूथ मिल्क कैरेमल कैंडी के नमूनें जांच हेतु लिए हैं। कार्यवाही में सिंधी कैम्प स्थित फेरूमल जसूजा कंफेक्शनरी प्रो फेरूमल जसूजा का निरीक्षण किया गया है। 

मौके पर विक्रय हो रहे अंबर स्मूथ मिल्क कैरेमल कैंडी के नमूनें जांच हेतु लिए गए है। परिसर में फ़ूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड लगवाने पेस्ट कंट्रोल सर्टिफिकेट एवं फ़ूड हैंडलर्स के वार्षिक मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के निर्देश दिए गए है। मौके पर मैजिक बॉक्स की सहायता से कैंडी कुरकुरे चिप्स नमकीन बिस्किट चॉकलेट एवं अन्य कंफेक्शनरी खाद्य पदार्थों की जांच की गई। उक्त स्मूथ मिल्क कैरेमल कैंडी के नमूनों को जांच हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर इस संबंध में नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग की यह कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी। 

पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर जबेरा कॉलेज के छात्रों ने किया प्रदर्शन.. 

दमोह जिले के जबेरा शासकीय स्नातक महाविद्यालय के परीक्षा परिणाम बेहद खराब आने से छात्र-छात्राओं में जमकर आक्रोश बना हुआ है पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर छात्र छात्राओं ने कालेज गेट पर देर तक हंगामा प्रदर्शन किया। और बाद में छत्रसाल यूनिवर्सिटी छतरपुर की कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। छात्र छात्राओं के इस विरोध प्रदर्शन में विद्यार्थी परिषद तथा एनएसयूआई से जुड़े छात्र नेता भी शामिल हुए और सभी ने परीक्षा परिणाम पर सवाल उठाए।

छात्र छात्राओं का कहना था कि घोषित किए गए परीक्षा परिणामों में 99% विद्यार्थी फेल कर दिए गए हैं यहां तक की अनेक छात्र छात्राओं को जीरो नंबर दिए गए हैं जबकि वह अच्छा पेपर करके आए थे। इस मामले में छात्र छात्राओं ने कॉलेज प्राचार्य पर भी उदासीनता लापरवाही के आरोप लगाये गए। छात्र-छात्राओं द्वारा कॉलेज का मेन गेट बंद कर हंगामा शुरू कर देने से देर तक अफरातफरी के हालात बने रहे। उल्लेखनीय है कि मार्च 2022 में जो परीक्षा हुई थी उसका परिणाम अभी जुलाई माह में आया है। जो कि  निराशाजनक है अतः पुनर्मूल्यांकन किया जाए क्योंकि यह विद्यार्थियों के भविष्य का सवाल है।

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