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कुंडलपुर में बड़े बाबा उच्चासन दिवस मनाया.. सदगुवा मंदिर में उपाध्याय विरंजन सागर जी के सानिध्य में कार्यक्रम आज से.. पं.आशीष राजौरिया नरेन्द्र मोदी विचार मंच के राष्ट्रीय सचिव बने.. केएन कालेज में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम

कुंडलपुर में बड़े बाबा उच्चासन दिवस मनाया गया

 दमोह। सुप्रसिद्ध सिद्धक्षेत्र कुंडलपुर में युगश्रेष्ठ संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ,परम पूज्य आचार्य श्री समय सागर जी महाराज की परम प्रभावक शिष्या पूज्य आर्यिकारत्न श्री मृदुमति माताजी एवं आर्यिका रत्न श्री निर्णयमति माताजी के मंगल सानिध्य में बड़े बाबा उच्चासन दिवस देश विदेश से आए श्रद्धालु भक्तों के बीच धूमधाम से मनाया गया ।इस अवसर पर पूज्य आर्यिकारत्न श्री मृदुमति माताजी ने मंगल प्रवचन देते हुए बताया कि आज 19 में वर्ष की पावन बेला है 18 वर्ष पूर्व उच्चाशन तैयार किया गया  ।बड़े बाबा को उच्चासन पर बिठालना था। आचार्य श्री का चतुर्विध संघ यहां आया। संपूर्ण देश में मंत्र साधना हुई  संपूर्ण कुंडलपुर कमेटी, पूरा बुंदेलखंड, देश-विदेश के कोने से भक्तगण, भारतवर्ष समाज यहां जुटे थे। तकनीकि साधनों के माध्यम से बड़े बाबा से प्रार्थना हुई । बड़े बाबा के अनुरूप इस विशाल मंदिर की अद्भुत अनुपम रचना हुई।
आचार्य श्री की कठिन साधना भक्ति भावना अनुरूप उन्होंने पूज्य बड़े बाबा का पिच्छिका से पड़गाहन किया और बड़े बाबा भूगर्भ से विहार कर उच्चासन पर विराजित हुए। पूज्य माताजी ने स्वरचित रचना का गायन करते हुये कहा गुरु ने जब प्रभु को पुकारा ,भूगर्भ से किया है विहारा बड़े बाबा उड़ते-उड़ते आए ओ बुंदेली के देवता कुंडलपुर के बाबा तुम्हें प्रणाम ।बड़े बाबा के उच्चासन पर विराजित होते हुए ही यहां पर अनेक अतिशय हुये एक साथ 58 आर्यिकाओं की दीक्षा हुई। इंजी. आरके जैन महामंत्री ने बड़े बाबा के उच्चासन पर विराजमान होने के समय के आचार्य गुरुवर के चमत्कार संस्मरण सुनाए।इस अवसर पर प्रातः काल भक्तामर महामंडल विधान एवं पूज्य बड़े बाबा विधान दोनों विधान आर्यिकारत्न श्री मृदुमति माताजी द्वारा रचित विधान संपन्न हुए।
बड़े बाबा का अभिषेक, शांतिधारा ,पूजन हुआ। आर्यिकारत्न श्री मृदुमति माताजी के मुखारविंद से शांतिधारा का वाचन किया गया। प्रथम अभिषेक, शांतिधारा करने का सौभाग्य अंकुर अंकित मंगतराय गर्वित अनीता भावना जैन परिवार रोहतक हरियाणा, नागेंद्रनाथ निधि अरुणिमा दीप्ति नरेंद्रनाथ जैन परिवार ऑस्ट्रेलिया ,प्रोमुल पूनम उदित प्रकाशचंद सरोज राहुल जैन परिवार दिल्ली ,महेशचंद्र कमल किशोर मनीष प्रशांत विपिन जैन परिवार दिल्ली ,विशाल हुदय पुष्पा हंसिका मिहिका काला परिवार शिलांग मेघालय, मनोज मीनू रूपचंद जी संगम परिवार दमोह ,राजेंद्र जैन राजू सेठ पर्व चंचल नैनी परिवार छतरपुर, ब्रह्मचारिणी अंकिता दीदी प्रदीप जैन मालती जैन परिवार हटा ने प्राप्त किया ।इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने अभिषेक किया ।राजू सेठ छतरपुर द्वारा अपने बेटे पर्व जैन ऐनी जैन की सगाई के उपलक्ष्य में भोजनशाला में भोजन निशुल्क व्यवस्था रही। दोपहर में मिष्ठान वितरण किया गया। सायंकाल भक्तामर दीप अर्चना एवं पूज्य बड़े बाबा की संगीतमय महा आरती संपन्न हुई।
धन के पीछे नहीं धर्म के पीछे चलो-उपाध्याय विरंजनसागर.. दमोह : धर्म का तिरस्कार करके धन नहीं कमाया जा सकता। चार पुरुषार्थों का क्रम है धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। पहले धर्म कमाया जाता है, फिर अर्थ (धन)। धर्म पुरुषार्थ के अभाव में अर्थ पुरुषार्थ करना अन्याय है, काम पुरुषार्थ व्यभिचार है और मोक्ष पुरुषार्थ तो कल्पना जन्य ही है। तीनों पुरुषार्थों की सिद्धि-प्रसिद्धि के लिए धर्म पुरुषार्थ श्रेष्ठ और ज्येष्ठ है। मुनि श्री ने आगे कहा कि धर्म से धन का विकास होता है। धन तो मात्र साधन है। वह चाहे तो अपने सदुपयोगकर्ता को धर्म की ओर प्रेरित कर सकता है और चाहे तो अपने दुरुपयोग से धरातल की गहराइयों में भी धकेल सकता है। इसके विपरीत धर्म का तो केवल सदुपयोग ही होता है। वहाँ दुरुपयोग का कोई स्थान नहीं है।
जहाँ धर्म का दुरुपयोग दिखाई देता है, वहाँ छल है, कपट है, ढकोसला है जबकि धर्म का ढकोसले से कोई सम्बन्ध नहीं है। धर्म अपने विकास के साथ-साथ सूर्य और सुमन की तरह समाज का भी निरंतर विकास करता है। संवेदनशीलता को तो गहराता ही है, वात्सल्य-पराग भी भरता है, किन्तु धन अपने विकास के साथ-साथ धनार्थी या धन-स्वामी में क्रूरता पैदा करता है। करुणा, दया के स्रोत को सुखा देता है। मुनि श्री ने आगे कहा कि धन हड़पने की लिप्सा अपने आर्थिक विकास के साथ-साथ हज़ारों लाखों प्राणियों के ह्रास का गढ़ा खोद देती है। धर्म और धन में यही अन्तर है। एक निर्भयता का कारण है और दूसरा भय पैदा करता है। जहाँ धर्म है वहाँ आनंद है और जहाँ धन है वहाँ कलह है।आगे उपाध्याय श्री ने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि धन का विकास न करो, पर ध्यान रखो कि तुम्हारा धंधा अंधा न हो, अंधाधुंध न हो। आपके अर्थ विकास की प्रक्रिया किसी के खून से सनी हुई न हो, उसकी नींव शोषण की ईंटों से न रखी गई हो। यदि आप धर्म से धन कमाते हैं तो आप धार्मिक हैं, अहिंसक हैं।
सदगुवा मंदिर में पार्श्वनाथ विधान का आयोजन - सागर नाका स्थित सदगुवां जैन मंदिर में सुबह सवेरे श्री पारसनाथ विधान का आयोजन किया गया। परम पूज्य उपाध्यक्ष श्री विरंजन सागर जी महाराज के सानिध्य में धूमधाम के साथ विधान आयोजित हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने उपस्थित होकर धर्म लाभ अर्जित किया। इसके अलावा मंदिर की में श्री जी का अभिषेक पूजन भी किया गया। वहीं गुरुदेव का पूजन किए जाने के साथ विधान का समापन हुआ।
आज से होगा तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ.. त्रिदिवसीय महामहोत्सव के तहत 18 जनवरी को परम पूज्य उपाध्याय श्री का नवमा मुनि दीक्षा दिवस मनाया जाएगा। इसके साथ ही सरस्वती महा अर्चना विधान एवं देव स्थापना महा महोत्सव का शुभारंभ होगा। शनिवार को दोपहर 1:00 बजे से सरस्वती महा अर्चना विधान एवं भव्य मुनि दीक्षा महोत्सव सदगुवां जैन मंदिर में आयोजित होगा। विधानाचार्य पंडित उदय चंद्र शास्त्री एवं अंकित भैया शास्त्री के माध्यम से यह विधान होगा। श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर ट्रस्ट एवं सकल जैन समाज सागर नाका दमोह ने सभी से उपस्थित की अपील की है।
पं.आशीष राजौरिया बने नरेन्द्र मोदी विचार मंच के राष्ट्रीय सचिव.. दमोह। नरेन्द्र मोदी विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रविचाणक्य ने मध्यप्रदेश दमोह भोपाल के पं.आशीष राजौरिया को नरेन्द्र मोदी विचार मंच का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया है।
वे पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष थे श्री राजौरिया को राष्ट्रीय सचिव बनाने पर ऋषि (मनु बाबा) इष्ट मित्र पत्रकार बुद्विजीवी पार्टी एवं सभी पार्टियों के लोगों ने बधाईयां दी। 
केएन कालेज में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम.. दमोह। शासकीय कमला नेहरू महिला महाविद्यालय दमोह में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ जीपी चौधरी की अध्यक्षता में इको क्लब के पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रर्दशनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में छात्राओं ने अपनी सहभागिता दी । कार्यक्रम की प्रभारी श्रीमती प्रीति वर्मा एवं डॉ प्रणव मिश्रा डॉ आराधना श्रीवास रही                         
इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अर्चना अहिरवार द्वितीय स्थान अन्वेष मेहता एवं तृतीय स्थान प्रसून श्रीवास्तव एवं मुस्कान असाटी ने प्राप्त किया । इस प्रतियोगिता में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ रेखा जैन, डॉ अवधेश जैन, डॉ डी के नेमा, डॉ बृजेंद्र कुसमरिया, डॉ अनुभा तिवारी, डॉ हरनाम राय, डॉ दिनेश पटेल, श्री संतोष कुमार, डॉ चंद्र शेखर राठोर, आरती सोनी, डॉ ममता संगी एवं महाविद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

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