पंच परिवर्तन से होगा समाज परिवर्तन.. दमोह नगर के एक्सीलेंस ग्राउंड में शाखा संगम कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें संघ रचना के अनुसार दमोह की 20 बस्तियां मैं अलग-अलग लगने वाली 21 शाखाओं का आज एक्सीलेंस ग्राउंड में शाखा संगम किया गया दमोह नगर की अलग-अलग बस्ती में लगने वाली 21 शाखाएं एक साथ एक स्थान पर लगाई गई इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमान ब्रजकांत जी, प्रांत प्रचारक महाकौशल प्रांत का सभी स्वयं सेवकों को मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया जब डॉक्टर साहब का अंतिम समय चल रहा था तो उनके उपचार के लिए उनकी रीड की हड्डी से खून निकाला गया तो वह खून पानी बन चुका था, डॉक्टर साहब का मानना था जिस प्रकार देश के लिए शहीद होना बड़ा कार्य है उसी प्रकार देश के लिए प्रतिदिन जीना प्रतिदिन मरना उससे भी बड़ा कार्य..
एक उदाहरण देते हुए बताया जब डॉक्टर साहब को पता चला उनका एक स्वयंसेवक अस्वस्थ है जब वह उसको देखने जा रहे थे तब किसी ने उनसे पूछा आप कहां जा रहे हैं उनका जवाब था देवदर्शन करने जा रहा हूं अर्थात वह अपने हर स्वयं सेवक को देवता समान मानते थे, जिस प्रकार गंगा, जमुना, सरस्वती का संगम होता है उसी प्रकार आज नगर दमोह के द्वारा सभी शाखाओं का संगम एक स्थान पर हुआ है, अब हमको मन भी एक करने होंगे, तभी हम समाज में सामाजिक समरसता का भाव जागरण कर सकेंगे, हाल ही में हुई पहलगांव घटना पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया जिस प्रकार आतंकवादियों ने गोली मारते समय किसी की जाति नहीं पूछी कि वह किस जाति से है, कौन है, उन्होंने सिर्फ धर्म पूछा और गोली मार दी, बंगाल में मुर्शिदाबाद में किसी की जाति देखकर हमला नहीं हुआ, उनकी नजर में सिर्फ और सिर्फ आप काफ़िर हैं, जब पहली जनगणना 1870 में हुई तब जनगणना फार्म पर सिखों के लिए अलग से कोई कालम नहीं था हम एक थे, लेकिन जब दूसरी जनगणना 1881 में हुई तब फूट डालते हुए फॉर्म पर सिखों के लिए अलग से कालम जोड़ा गया, और धीरे-धीरे समय-समय पर फॉर्म पर और भी जातियों के कालम जोड़े गए..
अंग्रेजों द्वारा समाज को बांटने के लिए सेना में भी जाती आधारित सिख रेजीमेंट, कुमायूं , गोरखा, जाट, राजपूत राइफल्स रेजिमेंट इत्यादि बनाई गई, विश्व में शांति स्थापित करने के लिए पर्यावरण बचाने के लिए हिंदुत्व का होना अति आवश्यक है, जब इस्लाम आया उन्होंने तलवार की दम पर धर्म परिवर्तन कराया, ईसाइयत आई उन्होंने भी धर्म परिवर्तन कराया, एक हम हैं हमने कभी किसी को धर्म परिवर्तन करने लिए विवश नहीं किया, हिंदुत्व हमेशा "सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। की कामना करता है। अंत में पंच परिवर्तन पर चलने की बात कही सामाजिक समरसता, पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन, स्व का बोध, नागरिक कर्तव्य, यह पांच परिवर्तन समाज में होने चाहिए तभी समाज का परिवर्तन होगा, संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी वर्ष पर संघ की गणवेश में बड़े-बड़े कार्यक्रम मंडल/बस्ती पर होने की बात भी कहीं गीत की पंक्ति के साथ अपना उद्बोधन को पूर्ण किया।
पहलगाम के शहीदों को जटाशंकर धाम में दी गई श्रद्धांजलि.. दमोह। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ जब देश भर के अनेक अपनी भ्रमण यात्रा पर थे इस कायराना हमले में अनेक मां भारती के वीर सपूतों का बलिदान हो गया जो अत्यंत दुखद है। जटाशंकर धाम एवं छात्र क्रांति दल, छात्र सर्व कल्याण समिति द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान जटाशंक धाम के महंत पंडित मोनू पाठक ने कहा कि पाकिस्तान ने यह बहुत बड़ी गलती की है मासूमों के ऊपर हमला करना अब बिल्कुल बर्दाश्त के बाहर में भारत सरकार से कठोर से कठोर कार्यवाही की मांग करता हूं।
विद्या विहार में पहलगाम शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.. दमोह। सरस्वती विद्या विहार सीनियर सेकेंडरी स्कूल केशवनगर दमोह में पहलगाम में शहीद हुए हमारे भारतीय भाई-बहनों की आत्मा की शांति हेतु मौन धारण किया गया एवं श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
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